सेंट्रल रोड रिसर्च इंस्टीट्यूट (सीआरआरआई) की एक रिपोर्ट में कई चौंकाने वाले आंकड़े सामने आए हैं। इस इंस्टीट्यूट ने 2018 में देश के 17 राज्यों के 425 पुलों का निरीक्षण किया। इनमें करीब 281 यानी दो तिहाई के स्ट्रक्चर में खराबी पाई गई है।
सबसे ज्यादा गुजरात के करीब 75% पुल खराब निकले हैं, दूसरे नंबर पर झारखंड और तीसरे नंबर पर पंजाब के पुल हैं। ज्यादातर पुलों का निर्माण हाल के साल में हुआ है। 15 पुलों पर तत्काल यातायात बंद करने के सुझाव दिए गए हैं। सीआरआरआई ने कहा है कि नए पुलों की यह स्थिति निर्माण में लापरवाही बरतने की वजह से हुई है। अगर तत्काल मरम्मत नहीं कराई गई, तो ज्यादातर पुल 10 से 12 साल में ढह सकते हैं।
रिपोर्ट के अनुसार 2017 में देशभर में 15514 हादसे पुल पर हुए हैं। इनमें 5543 लोगों की मौत हुई और 15839 लोग घायल हुए। साल 2018 में पुलों पर 16125 हादसे हुए। इनमें 5693 मौत हुई और 16762 लोग घायल हुए। यानी 2017 की तुलना में 2018 में पुलों पर 610 अधिक हादसे हुए। इनमें 150 अधिक मौतें हुईं और 923 लोग ज्यादा घायल हुए हैं।
खराब पुल: सामान्य पुल की उम्र 100 साल होती है
पुलों की जांच एनएचएआई, स्टेट एनएच, पीडब्ल्यूडी और स्थानीय निकायों ने की। खराब 281 पुलों में से 253 सिर्फ 5 से 7 साल पुराने हैं। बाकी 20 साल तक पुराने हैं। सीआरआरआई के अनुसार सामान्य पुल की उम्र 100 साल होती है। खराब पुलों का मैटेरियल, डिजाइन अच्छा नहीं था।
खामियां: खराब मैटेरियल के कारण पुल खोखले हुए
खराब मैटेरियल के चलते पुलों का निचला हिस्सा खोखला होता गया। कंक्रीट भी झड़ने लगा है। पुल में नीचे की अोर छेद भी हो रहे हैं। पुल के शुरुआती और अंतिम हिस्सों में दरारें भी मिली हैं। खंभे भी तय मानक से कमजोर पाए गए हैं। कई पुलों के ज्वाइंट खुलने लगे हैं।
जांच: गुजरात के 250
राज्य | पुलों की संख्या |
गुजरात | 250 |
झारखंड | 50 |
पंजाब | 40 |
दिल्ली | 33 |
मध्य प्रदेश | 07 |
राजस्थान | 06 |
बंगाल, यूपी, ओडिशा, बिहार, केरल, त्रिपुरा, असम, हिमाचल, तमिलनाडु, उत्तराखंड में कुल 33 पुलों की जांच।
खराब पुल सुधारेंगे, सभी एनएचएआई के नहीं हैं
खराब पुलों को सुधारेंगे। सभी पुल एनएचएआई के नहीं हैं। यदि हाेते तो हमारा मंत्रालय दुरुस्त करा देता, लेकिन इसमें कई सरकारी एजेंसियों के पुल हैं। इसलिए राज्यों से पूछकर और उनके साथ मिलकर इन्हें ठीक कराया जाएगा। -वीके सिंह, केंद्रीय सड़क और परिवहन राज्य मंत्री